matsya sampada yojana : भारत सरकार देश के किसानो के हित एवं जनकल्याण के लिए समय-समय पर योजना निकालती रहती है. ऐसे ही एक योजना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के उपस्थति में मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन, और डेयरी मंत्रालय द्वारा सितम्बर 2020 में मछुवारों एवं मत्यस किसानों के लिए मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की शुरुआत की. यह योजना किसानों एवं मछुवारों के लिए कल्याणकारी साबित होगा.
योजना के तहत मछुवारों के कल्याण तथा उनकी आर्थिक स्थति को सुधार करने की दृष्टि से मत्स्य पालन क्षेत्र में विकास लाने के लिए भारत सरकार द्वारा 20,050 करोड़ रूपये की निवेश की जायेगी साथ ही इस योजना के माध्यम से नीली क्रान्ति को भी बढ़ावा दिया जायेगा. इस योजना को देश के सभी राज्यों में वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक पूरे पांच साल तक की अवधि के लिए लागू किया जायेगा.
आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के प्रयास में नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत इन पांच सालों में महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किया गया है:-
- मछली उत्पादन को 70 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाना
- जल कृषि उत्पादकता की 03 टन को बढ़ाकर 05 टन प्रति हेक्टेयर करना
- 46,589 करोड़ रूपये (2018-19) के दोगुना मत्स्य निर्यात को बढ़ाकर 1,00,000 करोड़ रूपये तक करना
- पोस्ट हार्वेस्ट की 25 प्रतिशत को घटाकर 10 प्रतिशत करना
- तथा 55 लाख लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराना
इससे देश के मछुवारों और मत्स्य किसान के आय में दुगुना वृद्धि होगी. इस योजना से देश के युवाओं को रोजगार करने का मौका मिलेगा. देश में बेरोजगारी की दर में भी कमी आयेगी.
matsya sampada yojana के उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब व मध्यम वर्ग के मछुवारों एवं किसानों के लिए विशेष रूप से आर्थिक सहायता प्रदान करना है. ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके. इसके और भी उद्देश्य नीचे दिये गये हैं जिसे आप देख सकते हैं:-
- मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता का टिकाऊ, जिम्मेदार, समावेशी और न्यायंगत तरीके से उपयोग करना
- भूमि और जल के विस्तार, गहनता, विविधिकरण और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना
- मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकारन पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन और गुणवत्ता में सुधार
- मछुवारों और मत्स्य किसानों की आय को दुगुना करना और रोजगार उपलब्ध करना
- कृषि फसल और निर्यात में योगदान बढ़ाना
- मछुवारों और मत्स्य किसानों के लिए सामाजिक, शारीरिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना
- मजबूत मात्स्यिकी प्रबंधन और नियामक ढांचा तैयार करना
मत्स्य संपदा योजना के बारे में
योजना का नाम | मत्स्य संपदा योजना |
योजना का उद्देश्य | मछुवारों और मत्स्य किसानो के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना |
आरम्भ की तिथि | सितम्बर 2020 |
लाभ | मत्स्य पालन के लिए ऋण सब्सिडी दिया जायेगा |
लाभार्थी | देश के समस्त मछुवारें एवं मत्स्य किसान |
कार्यक्षेत्र | भारत के सभी राज्यों में |
आधिकारिक वेबसाईट | pmmsy.dof.gov.in |
आवेदन की प्रक्रिया | ऑफलाइन के माध्यम से अपने जिले के सम्बंधित विभाग पर संपर्क कर सकते हैं |
matsya sampada yojana – मत्स्य संपदा योजना हेतु आवेदन
योजनांतर्गत पात्र लाभार्थियों को लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने हेतु अपने सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ उस जिला मत्स्यपालन कार्यलय में प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा. जहाँ से कारोबार स्थापित करना चाहते हैं.
नोट:- आवेदन से संबधित ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने जिले के संबधित कार्यलय पर जाकर अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. या पोर्टल पर दिये गये दिशानिर्देशों को पढ़ सकते हैं.
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matsya sampada yojana – मत्स्य संपदा योजना के लाभ
भारत सरकार द्वारा देश के मछुवारों और मत्स्य किसानो के लिए शुरू की गई मत्स्य संपदा योजना एक कल्याणकारी योजना है. इस योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को निम्नलिखित लाभ दिए जायेंगे:-
केन्द्रीय वित्तीय सहायता
- सामान्य श्रेणी के लिए कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत तक, जिसकी सीमा प्रति परियोजना 1.25 करोड़ रूपये की हो.
- एससी/एसटी तथा महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत तक, जिसकी सीमा प्रति परियोजना 1.50 करोड़ रूपये की हो.
बैंक से ऋण सहायता
- सामान्य श्रेणी के मामले में कुल परियोजना लागत का 65 प्रतिशत तक तथा एससी/एसटी/महिलाओं के मामले में कुल परियोना लागत का 60 प्रतिशत तक की सहायता राशि दी जायेगी.
- लाभार्थी ऋण के एवज में अधिकतम सीमांत राशी (मार्जिन मनी) का अंशदान कर सकता है जो किसी भी स्थति में कुल परियोजना लागत का 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा.
जिसमें लाभार्थी का अंशदान कुल परियोजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत होगा.
matsya sampada yojana – मत्स्य संपदा योजना हेतु पात्रता (लाभार्थी)
पात्र लाभार्थी
- खुद का व्यवसाय करने वाले उद्यमी तथा निजी फर्म वाले व्यापारी
- मछुवारे/मत्स्य किसान
- मछली श्रमिक तथा मछली बेचने वाला
- स्वयं सहायता समूह (SHG)
- मत्स्य सहकारी समितियाँ
- संयुक्त देता समूह(JLG)
- मछली किसान उत्पादक संगठन/कंपनियां(FFPO/CS)
- अनुसूचित जाति/जनजाति/महिआलायें/दिव्यांग व्यक्ति
- राज्य मस्त्य विकास बोर्ड (SFDB)
- राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र और उनकी संस्थाएं
- केंद्र सरकार और उसकी संस्थाएं आदि.
पात्रता
- आवेदक के पास खुद का मालिकाना जमीन होना चाहिए तथा न्यूनतम 10 वर्ष की अवधि के लिए भूमि का पट्टा होना चाहिए.
- आवेदक के पास संबधित स्थानीय अधिकारी से प्राप्त आवश्यक मंजूरी/अनुमति होनी चाहिए जहाँ भी परियोजना की अपेक्षाओं के अनुसार लागू हो.
- आवेदक वर्तमान में किसी भी सरकारी योजना या सरकारी संस्था से किसी भी प्रकार का लाभ न लिया हो.
- आवेदक आयकर दाता नहीं होना चाहिए.
matsya sampada yojana – मत्स्य संपदा योजना हेतु लगने वाले दस्तावेज
योजनांतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने हेतु इसमें लगने वाले आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी निनानुसार है :-
- आधार कार्ड
- पेन कार्ड
- बैंक खाता
- व्यवसाय पंजीकरण प्रमाण पत्र
- परियोजना रिपोर्ट
- भूमि संबधित दस्तावेज जैसे:- (बी1, नक्सा, खसरा आदि)
- साझेदारी विलेख या एसोसियेशन का ज्ञापन (MOA)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- मत्स्य संपदा योजना क्या है?
यह एक सरकारी योजना है जो देश के मछुवारों और मत्स्य किसानों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है. योजनांतर्गत उनकी उत्पादन तथा उत्पादकता को बढ़ावा देना है. ताकि उनकी आय में दुगुनी वृद्धि हो सके. - मत्स्य संपदा योजना कब शुरू किया गया?
इस योजना को देश के सभी राज्यों में सितम्बर 2020 को शुरू किया गया. - योजना के अंतर्गत लाभार्थी कौन-कौन है?
योजनांतर्गत निम्नलिखित देश के समस्त लाभार्थी होंगे:-- खुद का व्यवसाय करने वाले उद्यमी तथा निजी फर्म वाले व्यापारी
- मछुवारे/मत्स्य किसान
- मछली श्रमिक तथा मछली बेचने वाला
- स्वयं सहायता समूह (SHG)
- मत्स्य सहकारी समितियाँ
- संयुक्त देता समूह(JLG)
- मछली किसान उत्पादक संगठन/कंपनियां(FFPO/CS)
- अनुसूचित जाति/जनजाति/महिआलायें/दिव्यांग व्यक्ति
- राज्य मस्त्य विकास बोर्ड (SFDB)
- राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र और उनकी संस्थाएं
- केंद्र सरकार और उसकी संस्थाएं आदि.
- योजना का कार्यक्षेत्र क्या है?
इस योजना को सम्पूर्ण देश में लागू किया गया है. - मत्स्य संपदा योजना की अवधि क्या है?
इस योजना की अवधि वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक पूरे पांच वर्षों के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है.
निष्कर्ष :- आज के इस पोस्ट में हमने पढ़ा कि मत्स्य संपदा योजना क्या है? इसमें लगने वाले आवश्यक दस्तावेज क्या है और इसकी पात्रता मापदंड क्या-क्या है? इसके लाभ क्या है और इस योजना के लिए आवेदन कैसे किया जाता है? सम्पूर्ण जानकारी हमने बताने की कोशिश की है.
मुझे उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट (मत्स्य संपदा योजना) अच्छे से समझ में आ ही गया होगा. फिर भी आपको इस पोस्ट (मत्स्य संपदा योजना) से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो आप कमेन्ट के माध्यम से बेझिझक हमसे पूछ सकते हैं. आपका ज़वाब ज़रूर दिया जायेगा.
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